शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि बड़े लोगों के पैर छूने से हमारे पुण्य में बढ़ोतरी होती है। साथ ही उनके आशीर्वाद स्वरूप हमारा दुर्भाग्य दूर होता है और मन को शांति मिलती है लेकिन हमारे यहां बड़े- बजूर्गो का आर्शीवाद लेने के साथ ही पति के पैर छूने की भी परंपरा बनाई गई है।
वैसे आजकल अधिकांश लोग इसे दकियानुसी सोच मानते हैं लेकिन ऐसा माना जाता है कि सुबह उठकर सबसे पहले पति के पैर छूने चाहिए क्योंकि इससे पति-पत्नी में प्रेम बढ़ता है। कहते हैं पति के पैर छूना यानी उसके प्रति समर्पण भाव जगाना, जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार स्वत: ही खत्म होता है। इसलिए पति के चरण स्पर्श की परंपरा बनाई गई ताकि पत्नी के मन में हमेशा पति के लिए सम्मान की भावना रहे और पति के मन में अपनी पत्नी के प्रति जिम्मेदारी का एहसास बना रहे।
वैसे आजकल अधिकांश लोग इसे दकियानुसी सोच मानते हैं लेकिन ऐसा माना जाता है कि सुबह उठकर सबसे पहले पति के पैर छूने चाहिए क्योंकि इससे पति-पत्नी में प्रेम बढ़ता है। कहते हैं पति के पैर छूना यानी उसके प्रति समर्पण भाव जगाना, जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार स्वत: ही खत्म होता है। इसलिए पति के चरण स्पर्श की परंपरा बनाई गई ताकि पत्नी के मन में हमेशा पति के लिए सम्मान की भावना रहे और पति के मन में अपनी पत्नी के प्रति जिम्मेदारी का एहसास बना रहे।
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